Wednesday, 12 February 2025

हमारे भारत के राज्य और राजधानी 🇮🇳🇮🇳🇮🇳

🔥'भारत के राज्य और राजधानी'🔥

1.अरुणाचल प्रदेश – इटानगर
2.असम – दिसपुर
3.उत्तर प्रदेश – लखनऊ
4.उत्तराखण्ड – देहरादून
5.ओड़िशा – भुवनेश्वर
6.आंध्र प्रदेश – अमरावती / हैदराबाद
7.कर्नाटक – बंगलोर
8.केरल – तिरुवनंतपुरम
9.गोआ – पणजी
10.गुजरात – गांधीनगर
11.छत्तीसगढ़ – रायपुर
12.झारखंड – रांची
13.तमिलनाडु – चेन्नई
14.तेलंगाना – हैदराबाद
15.त्रिपुरा – अगरतला
16.नागालैंड – कोहिमा
17.पश्चिम बंगाल – कोलकाता
18.पंजाब – चंडीगढ़
19.बिहार – पटना
20.मणिपुर – इम्फाल
21.मध्य प्रदेश – भोपाल
22.महाराष्ट्र – मुंबई
23.मिज़ोरम – आइजोल
24.मेघालय – शिलांग
25.राजस्थान – जयपुर
26.सिक्किम – गंगटोक
27.हरियाणा – चंडीगढ़
28.हिमाचल प्रदेश – शिमला

Thursday, 6 February 2025

हमारी बॉडी किन-किन तत्वों से मिलकर बनी है

मनुष्य का शरीर मुख्य रूप से निम्नलिखित तत्वों से मिलकर बना है:

1. *ऑक्सीजन (Oxygen)*: शरीर का लगभग 65% हिस्सा ऑक्सीजन से बना है। यह पानी (H₂O) और कार्बनिक यौगिकों का एक प्रमुख घटक है।

2. *कार्बन (Carbon)*: शरीर का लगभग 18% हिस्सा कार्बन से बना है। यह सभी कार्बनिक यौगिकों, जैसे प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट का आधार है।

3. *हाइड्रोजन (Hydrogen)*: शरीर का लगभग 10% हिस्सा हाइड्रोजन से बना है। यह पानी और कार्बनिक यौगिकों का एक प्रमुख घटक है।

4. *नाइट्रोजन (Nitrogen)*: शरीर का लगभग 3% हिस्सा नाइट्रोजन से बना है। यह प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड (DNA और RNA) का एक प्रमुख घटक है।

5. *कैल्शियम (Calcium)*: शरीर का लगभग 1.5% हिस्सा कैल्शियम से बना है। यह हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक है।

6. *फॉस्फोरस (Phosphorus)*: शरीर का लगभग 1% हिस्सा फॉस्फोरस से बना है। यह हड्डियों, दांतों और DNA का एक प्रमुख घटक है।

7. *पोटैशियम (Potassium)*: शरीर का लगभग 0.25% हिस्सा पोटैशियम से बना है। यह कोशिकाओं के कार्य और तंत्रिका संकेतों के लिए आवश्यक है।

8. *सल्फर (Sulfur)*: शरीर का लगभग 0.25% हिस्सा सल्फर से बना है। यह प्रोटीन और एंजाइमों का एक प्रमुख घटक है।

9. *सोडियम (Sodium)*: शरीर का लगभग 0.15% हिस्सा सोडियम से बना है। यह तंत्रिका संकेतों और द्रव संतुलन के लिए आवश्यक है।

10. *क्लोरीन (Chlorine)*: शरीर का लगभग 0.15% हिस्सा क्लोरीन से बना है। यह द्रव संतुलन और पाचन के लिए आवश्यक है।

11. *मैग्नीशियम (Magnesium)*: शरीर का लगभग 0.05% हिस्सा मैग्नीशियम से बना है। यह एंजाइम क्रियाओं और हड्डियों के लिए आवश्यक है।

12. *आयरन (Iron)*: शरीर का लगभग 0.006% हिस्सा आयरन से बना है। यह हीमोग्लोबिन का एक प्रमुख घटक है, जो ऑक्सीजन का परिवहन करता है।

13. *अन्य तत्व (Trace Elements)*: शरीर में जिंक (Zinc), कॉपर (Copper), आयोडीन (Iodine), सेलेनियम (Selenium), फ्लोरीन (Fluorine) और अन्य तत्व भी बहुत कम मात्रा में पाए जाते हैं, जो विभिन्न जैविक कार्यों के लिए आवश्यक हैं।
 ये तत्व मिलकर मनुष्य के शरीर की संरचना और कार्य को संभव बनाते हैं। 

Wednesday, 5 February 2025

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कुंभ मेले को कैसे आयोजित किया गया


यहां ओडे न्यूज़ की ख़ास रिपोर्ट है 

कुंभ मेला पर, जो हर बार की तरह आध्यात्मिक उर्जा और विविधता से परिपूर्ण है।

कुंभ मेला का आयोजन:

इस वर्ष कुंभ मेला में लाखों श्रद्धालु अपने-अपने विश्वास के साथ शामिल हुए हैं। मेला का मुख्य आकर्षण शुद्धिकरण, स्नान और धार्मिक अनुष्ठान हैं। कई तीर्थस्थल और घाटों पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखने को मिल रहा है।

आयोजन की विशेषताएँ:


धार्मिक अनुष्ठान: कुंभ मेला में स्नान, पूजा-पाठ, और धार्मिक प्रवचनों के आयोजन से भक्तों को आध्यात्मिक शांति एवं ऊर्जा का अनुभव हो रहा है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम: साथ ही, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियों से मेला में उमंग का माहौल बना हुआ है।


स्वास्थ्य और सुरक्षा: प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण, स्वच्छता एवं आपातकालीन सेवाओं का विशेष ध्यान रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया है। स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सा सहायता एवं आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।


आर्थिक और सामाजिक प्रभाव:

कुंभ मेला न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ करता है। व्यापार, पर्यटन, एवं स्थानीय सेवाओं में बढ़ोतरी से क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त, विभिन्न सामाजिक कार्यक्रम और स्वैच्छिक गतिविधियाँ समुदाय में एकता एवं सहयोग की भावना को बढ़ावा देती हैं।


आगे की तैयारियाँ:

आगामी दिनों में भी आयोजन में वृद्धि और कार्यक्रमों की श्रृंखला जारी रहेगी। प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी भक्तों को सुरक्षित एवं व्यवस्थित वातावरण मिले, जिससे यह महोत्सव सभी के लिए यादगार बन सके।

समापन:

कुंभ मेला का यह आयोजन हमें न केवल आध्यात्मिक पुनर्जागरण का अनुभव कराता है, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। ओडे न्यूज़ की तरफ से इसी खबर के साथ, हम आपसे विदा लेते हैं और आशा करते हैं कि आप भी इस महोत्सव की ऊर्जा को महसूस कर सकेंगे।


धन्यवाद!

Monday, 27 January 2025

फूड पॉइज़निंग (खाद्य विषाक्तता) तब होती है जब आप ऐसे भोजन या पेय पदार्थ का सेवन करते हैं, जो दूषित, विषैले या बैक्टीरिया, वायरस, या परजीवियों से संक्रमित होता है। यह समस्या कई कारणों से हो सकती है।

फूड पॉइज़निंग के कारण:

1. बैक्टीरिया:

सैल्मोनेला, ई. कोलाई (E.coli), और लिस्टीरिया जैसे हानिकारक बैक्टीरिया दूषित भोजन के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।



2. वायरस:

नोरोवायरस या हेपेटाइटिस A दूषित भोजन से फैल सकता है।



3. परजीवी:

दूषित पानी या कच्चे मांस के जरिए परजीवी शरीर में जा सकते हैं।



4. खराब या बासी खाना:

लंबे समय तक खुले या खराब भोजन को खाने से।



5. अस्वच्छ खाना पकाने का तरीका:

बिना हाथ धोए खाना पकाना या अशुद्ध बर्तनों का उपयोग।



6. कच्चे भोजन का सेवन:

अधपका मांस, समुद्री भोजन या कच्चे अंडे



7. दूषित पानी:

पीने या पकाने के लिए इस्तेमाल किया गया अशुद्ध पानी।

पृथ्वी का निर्माण लगभग 4.5 अरब साल पहले हुआ था

 पृथ्वी का निर्माण लगभग 4.5 अरब साल पहले हुआ था। यह प्रक्रिया सौरमंडल के निर्माण से जुड़ी हुई है। वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी का निर्माण निम्नलिखित चरणों में हुआ:

1. सौरमंडल का निर्माण: सौरमंडल एक विशाल गैस और धूल के बादल (नैबुला) से बना था। इस बादल का गुरुत्वाकर्षण बल इसे संकुचित करता गया, जिससे इसमें गर्मी उत्पन्न हुई और यह केंद्र में एक विशाल गर्म और घना 'सूर्य' में बदल गया। बाकी बची हुई धूल और गैस ने घुमावदार कक्षा में घूमते हुए छोटे-छोटे पिंडों का रूप लिया |


2. पिंडों का टकराव और संघटन: यह पिंड आपस में टकराते गए और धीरे-धीरे बड़े होते गए। इन टकरावों के परिणामस्वरूप ग्रहों का निर्माण हुआ। पृथ्वी भी इन टकरावों के माध्यम से धीरे-धीरे आकार लेने लगी।

    

3. पृथ्वी का उबालना (Differentiation): पृथ्वी के शुरुआती निर्माण के समय, यह पूरी तरह से पिघली हुई थी। इसमें विभिन्न तत्वों की मिश्रण के कारण हल्के तत्व ऊपर उठने लगे, और भारी तत्व (जैसे लोहा और निकेल) नीचे चले गए। इस प्रक्रिया ने पृथ्वी के आंतरिक संरचना को स्थापित किया, जिसमें क्रस्ट, मेंटल और कोर का निर्माण हुआ।



4. जल और वायुमंडल का निर्माण: पृथ्वी के निर्माण के बाद, ग्रह पर जल और वायुमंडल का निर्माण शुरू हुआ। इसका मुख्य कारण यह था कि आंतरिक गतिविधियों से गैसों का उत्सर्जन हुआ, और साथ ही उल्का पिंडों से जल भी पृथ्वी पर आया। यह जल पृथ्वी पर महासागरों के रूप में एकत्र हुआ। इसके साथ ही वायुमंडल में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और अन्य गैसों की उपस्थिति बढ़ी।



5. जीवों का उद्भव: जलवायु की स्थिरता और जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनने के बाद, जीवन का प्रारंभ हुआ। यह प्रक्रिया लगभग 3.8 अरब साल पहले से शुरू हुई मानी जाती है।


इस प्रकार, पृथ्वी का निर्माण धीरे-धीरे लाखों वर्षों में हुआ और आज यह जीवन के लिए एक उपयुक्त ग्रह बन चुका है।

आज, 27 जनवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ घटीं:

आज, 27 जनवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ घटीं:

बाजार में भारी गिरावट: आज के कारोबार में बाजार में भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान में बंद हुए। विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट मुख्यतः वैश्विक आर्थिक चिंताओं और आगामी बजट 2025 की अनिश्चितताओं के कारण है। 

रिलायंस इंडस्ट्रीज में विदेशी निवेशकों की घटती हिस्सेदारी: रिलायंस इंडस्ट्रीज में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी एक दशक के न्यूनतम स्तर पर पहुँच गई है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और वैश्विक बाजार की स्थिति से संबंधित चिंताओं के कारण है। 

आईपीओ बाजार में हलचल: अगले हफ्ते दो नए आईपीओ बाजार में आ रहे हैं, जो निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन आईपीओ की लिस्टिंग पर निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है। 

बैंक ऑफ इंडिया के शेयर में उछाल: बैंक ऑफ इंडिया के शेयर में 6.02% की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे निवेशकों को लाभ हुआ। विश्लेषकों का मानना है कि बैंक की मजबूत वित्तीय स्थिति और आगामी योजनाओं के कारण यह वृद्धि संभव हुई है। 

कोल इंडिया के तिमाही परिणाम: कोल इंडिया के तिमाही परिणामों में 17% की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, कंपनी ने दूसरे अंतरिम डिविडेंड की घोषणा की है, जिससे निवेशकों को राहत मिली है। 


इन घटनाओं से स्पष्ट है कि भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है। निवेशकों को बाजार की मौजूदा स्थिति और आगामी घटनाओं पर ध्यान देना चाहिए।