Monday, 27 January 2025

फूड पॉइज़निंग (खाद्य विषाक्तता) तब होती है जब आप ऐसे भोजन या पेय पदार्थ का सेवन करते हैं, जो दूषित, विषैले या बैक्टीरिया, वायरस, या परजीवियों से संक्रमित होता है। यह समस्या कई कारणों से हो सकती है।

फूड पॉइज़निंग के कारण:

1. बैक्टीरिया:

सैल्मोनेला, ई. कोलाई (E.coli), और लिस्टीरिया जैसे हानिकारक बैक्टीरिया दूषित भोजन के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।



2. वायरस:

नोरोवायरस या हेपेटाइटिस A दूषित भोजन से फैल सकता है।



3. परजीवी:

दूषित पानी या कच्चे मांस के जरिए परजीवी शरीर में जा सकते हैं।



4. खराब या बासी खाना:

लंबे समय तक खुले या खराब भोजन को खाने से।



5. अस्वच्छ खाना पकाने का तरीका:

बिना हाथ धोए खाना पकाना या अशुद्ध बर्तनों का उपयोग।



6. कच्चे भोजन का सेवन:

अधपका मांस, समुद्री भोजन या कच्चे अंडे



7. दूषित पानी:

पीने या पकाने के लिए इस्तेमाल किया गया अशुद्ध पानी।

पृथ्वी का निर्माण लगभग 4.5 अरब साल पहले हुआ था

 पृथ्वी का निर्माण लगभग 4.5 अरब साल पहले हुआ था। यह प्रक्रिया सौरमंडल के निर्माण से जुड़ी हुई है। वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी का निर्माण निम्नलिखित चरणों में हुआ:

1. सौरमंडल का निर्माण: सौरमंडल एक विशाल गैस और धूल के बादल (नैबुला) से बना था। इस बादल का गुरुत्वाकर्षण बल इसे संकुचित करता गया, जिससे इसमें गर्मी उत्पन्न हुई और यह केंद्र में एक विशाल गर्म और घना 'सूर्य' में बदल गया। बाकी बची हुई धूल और गैस ने घुमावदार कक्षा में घूमते हुए छोटे-छोटे पिंडों का रूप लिया |


2. पिंडों का टकराव और संघटन: यह पिंड आपस में टकराते गए और धीरे-धीरे बड़े होते गए। इन टकरावों के परिणामस्वरूप ग्रहों का निर्माण हुआ। पृथ्वी भी इन टकरावों के माध्यम से धीरे-धीरे आकार लेने लगी।

    

3. पृथ्वी का उबालना (Differentiation): पृथ्वी के शुरुआती निर्माण के समय, यह पूरी तरह से पिघली हुई थी। इसमें विभिन्न तत्वों की मिश्रण के कारण हल्के तत्व ऊपर उठने लगे, और भारी तत्व (जैसे लोहा और निकेल) नीचे चले गए। इस प्रक्रिया ने पृथ्वी के आंतरिक संरचना को स्थापित किया, जिसमें क्रस्ट, मेंटल और कोर का निर्माण हुआ।



4. जल और वायुमंडल का निर्माण: पृथ्वी के निर्माण के बाद, ग्रह पर जल और वायुमंडल का निर्माण शुरू हुआ। इसका मुख्य कारण यह था कि आंतरिक गतिविधियों से गैसों का उत्सर्जन हुआ, और साथ ही उल्का पिंडों से जल भी पृथ्वी पर आया। यह जल पृथ्वी पर महासागरों के रूप में एकत्र हुआ। इसके साथ ही वायुमंडल में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और अन्य गैसों की उपस्थिति बढ़ी।



5. जीवों का उद्भव: जलवायु की स्थिरता और जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनने के बाद, जीवन का प्रारंभ हुआ। यह प्रक्रिया लगभग 3.8 अरब साल पहले से शुरू हुई मानी जाती है।


इस प्रकार, पृथ्वी का निर्माण धीरे-धीरे लाखों वर्षों में हुआ और आज यह जीवन के लिए एक उपयुक्त ग्रह बन चुका है।

आज, 27 जनवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ घटीं:

आज, 27 जनवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ घटीं:

बाजार में भारी गिरावट: आज के कारोबार में बाजार में भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान में बंद हुए। विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट मुख्यतः वैश्विक आर्थिक चिंताओं और आगामी बजट 2025 की अनिश्चितताओं के कारण है। 

रिलायंस इंडस्ट्रीज में विदेशी निवेशकों की घटती हिस्सेदारी: रिलायंस इंडस्ट्रीज में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी एक दशक के न्यूनतम स्तर पर पहुँच गई है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और वैश्विक बाजार की स्थिति से संबंधित चिंताओं के कारण है। 

आईपीओ बाजार में हलचल: अगले हफ्ते दो नए आईपीओ बाजार में आ रहे हैं, जो निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन आईपीओ की लिस्टिंग पर निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है। 

बैंक ऑफ इंडिया के शेयर में उछाल: बैंक ऑफ इंडिया के शेयर में 6.02% की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे निवेशकों को लाभ हुआ। विश्लेषकों का मानना है कि बैंक की मजबूत वित्तीय स्थिति और आगामी योजनाओं के कारण यह वृद्धि संभव हुई है। 

कोल इंडिया के तिमाही परिणाम: कोल इंडिया के तिमाही परिणामों में 17% की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, कंपनी ने दूसरे अंतरिम डिविडेंड की घोषणा की है, जिससे निवेशकों को राहत मिली है। 


इन घटनाओं से स्पष्ट है कि भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है। निवेशकों को बाजार की मौजूदा स्थिति और आगामी घटनाओं पर ध्यान देना चाहिए।